2023 में एकादशी कब है?

एकादशी 2023: तारीख और महत्व

एकादशी हिंदू धर्म में एक प्रमुख व्रत है जिसे हर माह के दो दिनों पर मनाया जाता है। इस व्रत को अत्यधिक मान्यता दी जाती है और इसे भगवान विष्णु की पूजा करने के रूप में माना जाता है। एकादशी को विशेष रूप से व्रत, पूजा, मंत्र, और दान के रूप में माना जाता है।

एकादशी का महत्व:
एकादशी का महत्व है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से भक्तों को शुभ फल मिलता है। एकादशी के दिन व्रत रखने से अनेक दुःख दूर होते हैं और मनुष्य की उन्नति होती है।

2023 में एकादशी की तारीखें:
1. पार्षद एकादशी: 29 जनवरी, सोमवार
2. ज्यैष्ठ एकादशी (कामा एकादशी): 12 जून, सोमवार
3. आषाढ़ सुध एकादशी (योगिनी एकादशी): 28 जून, बुधवार
4. श्रावण एकादशी (कामिका एकादशी): 11 जुलाई, मंगलवार
5. भाद्रपद एकादशी (परिवर्तनी एकादशी): 26 अगस्त, शुक्रवार
6. आश्वयुज एकादशी (इंदिरा एकादशी): 10 सितंबर, रविवार
7. कार्तिक एकादशी (प्रभोधिनी एकादशी): 25 अक्टूबर, बुधवार
8. मार्गशीर्ष एकादशी (उत्पन्ना एकादशी): 9 नवंबर, गुरुवार
9. पौष एकादशी (मोक्षदा एकादशी): 24 दिसंबर, शुक्रवार

एकादशी व्रत कैसे किया जाता है:
तुलसी पूजन: एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करना शुभ माना जाता है।
दान: एकादशी के दिन भिक्षा पात्र में अनाज और फल दान करना शुभ होता है।
सुन्दरकांड पाठ: एकादशी के दिन सुन्दरकांड का पाठ करने से विघ्न निवारण होता है।
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र: एकादशी के दिन विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

एकादशी के फायदे:
पाप से मुक्ति: एकादशी के व्रत से प्राप्त फल से व्यक्ति पापों से मुक्ति प्राप्त करता है।
स्वास्थ्य के लाभ: एकादशी व्रत रखने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
भगवत प्राप्ति: एकादशी के दिन भगवान की पूजा करने से उसकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति मिलती है।

एकादशी के व्रत में रखने के नियम:
नींदा का परिमाण कम करें: एकादशी के दिन कम से कम नींदा पूरी करें और ज्यादा समय नींद में न बिताएं।
अन्न का त्याग करें: एकादशी के दिन अन्न त्याग करके फल, सब्ज़ी, और दूध आदि सिर्फ एक बार खाएं।
विष्णु जी की पूजा करें: एकादशी के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करने से विभिन्न प्रकार की समृद्धि प्राप्त होती है।

एकादशी से संबंधित मुख्य सवाल:

1. एकादशी क्यों मनाई जाती है?
एकादशी को मनाने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति मिलती है।

2. व्रत के दौरान क्या खाया जा सकता है?
एकादशी के दिन गहूं के आटे से बनी रोटी, फल, सब्जियां, दूध, पानी, साबूदाना, सबुतदाना का खीर आदि खा सकते हैं।

3. एकादशी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?
एकादशी के दिन अन्न, गेहूं, चावल, दाल, नमक, आलू, प्याज, लहसुन, मांस, मछली, अंडे, शाकाहारी तेल आदि नहीं खाना चाहिए।

4. किसी को एकादशी का व्रत किस प्रकार से रखना चाहिए?
एकादशी का व्रत शुद्धि और श्रद्धा से रखना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा के साथ संगीत, स्त्रोत, और कथा का पाठ करना चाहिए।

5. क्या गंगा जल पीना एकादशी के दिन शुभ होता है?
हां, एकादशी के दिन गंगा जल पीने से शुभ कार्यों में सफलता मिलती है और पापों से मुक्ति प्राप्त होती है।

6. वह गाय नहीं देखी जानी चाहिए जिसने एकादशी का व्रत नहीं रखा?
हां, एकादशी के व्रत को नहीं रखने वाले व्यक्ति को देखने से नहीं मिलना चाहिए क्योंकि उससे दुर्भावनाओं का सामना हो सकता है।

7. क्या बच्चे भी एकादशी का व्रत रख सकते हैं?
हां, छोटे बच्चे भी एकादशी का व्रत रख सकते हैं, लेकिन उन्हें अन्न त्याग करने के बजाय साकार अन्न की जगह पौष्टिक व्यंजन दिया जा सकता है।

8. एकादशी के दिन क्या विशेष पूजा की जाती है?
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है और उन्हें तुलसी के पत्ते, पुष्प, धूप, दीप, चावल, पुष्प, और नैवेद्य चढ़ाकर आराधना की जाती है।

9. एकादशी के दिन कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
एकादशी के दिन व्रत रखने के साथ-साथ स्नान, संध्या-संस्कार, भजन-कीर्तन, सुन्दरकांड पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ, और दान-पुण्य की क्रियाएं की जा सकती हैं।

10. एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले क्या काम करना चाहिए?
एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और संध्या-संस्कार भी करना चाहिए।

एकादशी व्रत श्रद्धा और भक्ति के साथ मानने एक महान व्रत है जिससे व्यक्ति को आत्मिक और शारीरिक शुद्धि मिलती है। इस व्रत को नियमित रूप से मानने से व्यक्ति को आनंद, शांति, और संतुलन की प्राप्ति होती है। इसलिए, एकादशी के व्रत को समर्पित भाव से मानना चाहिए।